Tuesday, July 1, 2025

84 साल बाद फिर वहीं कैलेंडर; क्या 1941 की तरह 2025 भी होगा तबाही का साल?

Must Read

नई दिल्ली — साल 2025 और 1941 में एक अजीब समानता है जो खगोलशास्त्र और इतिहास के जानकारों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। दोनों वर्षों का कैलेंडर एक जैसा है – तारीखें, दिन और त्योहारों का क्रम लगभग एकदम मेल खा रहा है। लेकिन सवाल ये है कि क्या सिर्फ कैलेंडर का मेल इतिहास को दोहराने के संकेत देता है?

1941: तबाही, युद्ध और इतिहास का मोड़

1941 का साल विश्व इतिहास में एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ था। द्वितीय विश्व युद्ध अपने चरम पर था।

  • जापान ने अमेरिका के पर्ल हार्बर पर हमला किया
  • हिटलर ने रूस पर हमला शुरू किया
  • लाखों लोगों की जानें गईं
  • दुनिया के कई हिस्सों में राजनीतिक अस्थिरता और मानवीय संकट गहराया

भारत में भी 1941 के बाद अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन तेज हुआ, जिसने अंततः आजादी की राह बनाई।

2025: संकटों की दस्तक?

आज जब 2025 में वही कैलेंडर दोहराया जा रहा है, तो यह केवल संयोग है या कोई इशारा?

  • वैश्विक तनाव: रूस-यूक्रेन युद्ध थमा नहीं है, चीन-ताइवान मुद्दा गर्म है
  • प्राकृतिक आपदाएं: जलवायु परिवर्तन से लगातार भूकंप, बाढ़, हीटवेव्स
  • आर्थिक अनिश्चितता: कई देशों में मंदी के संकेत

कुछ ज्योतिषाचार्य और खगोलविद इसे चेतावनी मानते हैं, जबकि वैज्ञानिक इसे “मात्र संयोग” कहते हैं।

क्या डरने की जरूरत है?

विशेषज्ञों का मानना है कि इतिहास से सीखना जरूरी है, डरना नहीं। तकनीक, जन-जागरूकता और वैश्विक सहयोग ने हमें पहले से कहीं अधिक तैयार बना दिया है।


- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img
Latest News

दिल्ली में आज से बिना PUC वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, धरपकड़ के लिए 350 टीमें अलर्ट पर

नई दिल्ली, 1 जुलाई 2025:राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए सरकार ने आज से एक...
- Advertisement -spot_img

More Articles Like This

- Advertisement -spot_img