दिल्ली।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने देश की राजनीति में तूफान ला दिया है। केजरीवाल ने दावा किया है कि उन्हें “अच्छे शासन और जनसेवा” के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
बीजेपी ने बताया ‘अहंकार की पराकाष्ठा’
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने केजरीवाल के बयान को “हास्यास्पद” और “अहंकार से भरा हुआ” बताया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा,
“केजरीवाल का कार्यकाल भ्रष्टाचार, झूठे वादों और राजनीतिक नौटंकी से भरा रहा है। नोबेल नहीं, उन्हें जवाबदेही और जनता के सवालों का सामना करना चाहिए।”
बीजेपी नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली की मूलभूत समस्याओं पर कोई ठोस काम नहीं किया, बल्कि विज्ञापनों और प्रचार के जरिए भ्रम फैलाने का काम किया।
आप ने किया बचाव, काम को बताया ‘वैश्विक मानक’
वहीं आम आदमी पार्टी ने अपने नेता का बचाव करते हुए कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और जनकल्याण के क्षेत्र में दिल्ली सरकार ने जो बदलाव किए हैं, वे वैश्विक स्तर पर एक उदाहरण हैं। पार्टी का तर्क है कि अगर नोबेल जैसे पुरस्कारों में प्रशासनिक नवाचार को भी जगह दी जाए, तो केजरीवाल उसका एक मजबूत दावेदार हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। इससे एक ओर जहां पार्टी अपने समर्थकों के बीच चर्चा में बनी रहेगी, वहीं दूसरी ओर विपक्ष को जवाब देने का नया मंच भी मिलेगा।