Detention Centres In China: भारत में डिटेंशन सेंटर्स बनाने की चर्चा के बीच चीन में बने डिटेंशन कैंपों में होने वाली कथित प्रताड़ना फिर से सुर्खियों में है। इस खबर में देखिए चीन पर डिटेंशन सेंटर्स में रहने वाले लोगों को किस तरह से सताने के आरोप लग चुके हैं।
Chinese Detention Centres: भारत में घुसपैठियों की पहचान के बाद उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखने की बात चल रही है। यूपी में तो डिटेंशन सेंटर बनाने के निर्देश भी दे दिए गए हैं. इस बीच, चीन के डिटेंशन सेंटर में लोगों के साथ होने वाली प्रताड़ना की बात चर्चा में आ गई है। European Court of Human Rights Watch की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में, चीन के Supreme Prosecution Office ने कबूल किया कि उनके देश में “अवैध हिरासत और टॉर्चर” की शिकायतें मौजूद हैं। इस आर्टिकल में जानें कि चीन के डिटेंशन सेंटर में लोगों को किस तरह से सताने की शिकायतें मिलती हैं।
बता दें कि कई मानवाधिकार समूहों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की रिपोर्ट ने समय-समय पर उजागर किया है कि चीन के Detention Centres में लोगों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है।
महीनों तक वकील से भी नहीं मिलने देता चीन
चीन में Liuzhi नामक एक हिरासत-व्यवस्था है, जिसके तहत किसी को भी संदिग्ध अपराध के लिए 8 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है। कई व्यक्ति ऐसे हैं जिनको हिरासत के दौरान उनके वकील से भी मिलने नहीं दिया गया। Liuzhi के दौरान बंदी, निगरानी में रहते हैं। वह जहां रखे जाते हैं वहां 24 घंटे गश्त होती रहती है।
डिटेंशन सेंटर में सोने तक नहीं दिया जाता
Human Rights Watch में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले चीन में Shuanggui सिस्टम भी था। इसके तहत हिरासत में लिए गए लोगों ने बताया कि उन्हें प्रताड़ित किया गया। उनके साथ मारपीट की गई। कई बार सोने तक नहीं दिया। वहां लंबे समय तक खड़ा रखा जाता था। असहज स्थिति में बैठने के लिए मजबूर किया जाता है। डिटेंशन सेंटर में तरह-तरह के अमानवीय व्यवहार किए जाते थे। यह प्रताड़ना इतनी ज्यादा भयानक होती है कि 3 से 5 दिन के बाद ही दिमाग पर इतना दबाव पड़ जाता था कि वे कुछ भी बोलने पर हां ही बोलते थे।
चीन में Uyghur मुस्लिमों पर अत्याचार की दास्तान
इसके अलावा चीन, Uyghur मुस्लिमों पर अत्याचार के मुद्दे को लेकर कई बार वैश्विक मंचों पर घिर चुका है। डिटेंशन कैंप में Uyghur मुस्लिमों को रखकर, उनसे जबरन श्रम कराने और निगरानी की खबरें आई हैं। अलग-अलग देशों ने मिलकर बार-बार चीन से इन डिटेंशन सेंटर्स की स्वतंत्र जांच की डिमांड की है। हालांकि, चीन कभी भी इसको लेकर राजी नहीं हुआ और Uyghur मुस्लिमों पर अत्याचार की बात को खारिज कर दिया।


