तमिलनाडु के कुडनकुलम प्लांट को न्यूक्लियर फ्यूल की पहली खेप रूस से मिल गई है। कार्गो फ्लाइट से ये खेप भारत पहुंची है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन भी भारत आए हुए हैं।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर आए हुए हैं। दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर बात होनी है। पुतिन के भारत आते ही रूस की सरकारी न्यूक्लियर कॉर्पोरेशन ने गुरुवार को कहा कि उसने तमिलनाडु के कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र में तीसरे संयंत्र की प्रारंभिक लोडिंग के लिए परमाणु ईंधन की पहली खेप पहुंचा दी है। परमाणु ईंधन की आपूर्ति ऐसे समय में हुई है, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय दौरे पर भारत आए हुए हैं।
रूस से कुल 7 बार आएंगी ये खेप
रूसी कॉर्पोरेशन ने कहा कि रोसाटॉम के न्यूक्लियर फ्यूल डिवीजन द्वारा ऑपरेट की गई एक कार्गो फ्लाइट ने नोवोसिबिर्स्क केमिकल कंसन्ट्रेट प्लांट द्वारा निर्मित ईंधन संयोजकों की आपूर्ति की। पूरे रिएक्टर कोर और कुछ रिज़र्व फ्यूल की सप्लाई के लिए रूस से कुल सात फ्लाइट्स प्लान की गई हैं।
2024 में किया गया था ये कॉन्ट्रैक्ट
ये शिपमेंट 2024 में साइन किए गए एक कॉन्ट्रैक्ट के तहत दिए जा रहे हैं, जिसमें शुरुआती लोडिंग से लेकर पूरी सर्विस लाइफ के लिए कुडनकुलम प्लांट के तीसरे और चौथे VVER-1000 रिएक्टरों के लिए फ्यूल सप्लाई शामिल है।
कुडनकुलम प्लांट में बन रहे अभी 4 रिएक्टर
कुडनकुलम प्लांट में कुल 6,000 MW की इंस्टॉल्ड कैपेसिटी वाले 6 VVER-1000 रिएक्टर होंगे। कुडनकुलम में पहले दो रिएक्टर 2013 और 2016 में भारत के पावर ग्रिड से जोड़े गए थे। बाकी चार रिएक्टर अभी बन रहे हैं।
लगे हुए हैं भारत और रूस के इंजीनियर
रोसाटॉम ने कहा कि कुडनकुलम प्लांट के पहले फेज में इन दो रिएक्टरों के ऑपरेशन के दौरान, रूसी और भारतीय इंजीनियरों ने एडवांस्ड न्यूक्लियर फ्यूल और एक्सटेंडेड फ्यूल साइकिल शुरू करके उनकी एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए काफी काम किया है।


