नई दिल्ली:
इस बार जुलाई का महीना आम जनता की जेब पर भारी पड़ सकता है। वजह है—बिजली बिल में होने वाली बड़ी बढ़ोतरी। देशभर के लाखों बिजली उपभोक्ताओं से जुलाई माह में करीब 187 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि वसूली जाएगी। यह वसूली फ्यूल एडजस्टमेंट चार्ज (FAC) के तहत की जा रही है, जिसकी मंजूरी बिजली नियामक आयोग द्वारा दी गई है।
🔍 FAC क्या है और क्यों वसूला जा रहा है?
बिजली उत्पादन में उपयोग होने वाले ईंधन—जैसे कोयला, गैस और डीजल—की कीमतों में बीते महीनों में तेज़ बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस बढ़ी हुई लागत की भरपाई के लिए बिजली कंपनियां फ्यूल एडजस्टमेंट चार्ज (Fuel Adjustment Charge) वसूलती हैं।
जनवरी से मार्च 2025 के बीच ईंधन की लागत बढ़ने के कारण अब उसका बोझ जुलाई 2025 के बिलों में डाला जाएगा।
⚡ कितना बढ़ेगा आम आदमी का बिल?
- घरेलू उपभोक्ताओं पर बिल में औसतन ₹40 से ₹120 तक का इज़ाफा हो सकता है।
- वहीं, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं के बिल में सैकड़ों से लेकर हजारों रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
- यह राशि हर उपभोक्ता के खपत के अनुसार अलग-अलग होगी।
📢 क्या कहता है नियामक आयोग?
बिजली नियामक आयोग (ERC) के अनुसार,
“FAC की यह वसूली पूरी तरह नियमों के तहत है और यह एक अस्थायी शुल्क है। ईंधन की लागत घटने पर इसे घटाया भी जा सकता है।”
इसका मकसद बिजली कंपनियों को आर्थिक नुकसान से बचाना और उत्पादन लागत की भरपाई करना है।
🧾 कैसे चेक करें FAC चार्ज?
उपभोक्ता बिजली कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर या मासिक बिल में FAC कॉलम देख सकते हैं, जहां यह शुल्क स्पष्ट रूप से दर्शाया गया होता है।